काशीपुर। प्रभजोत सिंह पहले एक मामूली सा खनन मजदूर था। वह धीरे-धीरे खनन व्यापारी बना और अब खनन का बड़ा उद्योगपति बनना चाहता था। इसी लालच के चलते उसने महल सिंह हत्याकांड की साजिश में शामिल कर लिया और हत्यारोपी बन गया। प्रभजोत ने बताया कि वह हरजीत सिंह के साथ मिलकर स्टोन क्रशर लगाना चाहता था। इसमें महल सिंह अड़ंगा डाल रहा था इसलिए उसने हरजीत सिंह की ओर से बताई गई योजना के अनुसार काम किया। क्रशर के माध्यम से सुखदेव सिंह उर्फ सेवी और रजविंदर कौर को भी आर्थिक फायदा होता इसलिए वे भी इस योजना में शामिल हो गए।
12 अक्तूबर को सिग्नल एप के माध्यम से हरजीत उर्फ काले ने अपने गैंगस्टर साथी के साथ मोबाइल से प्रभजोत की बात कराई और बताया कि रात नौ बजे तक शूटर काशीपुर पहुंच जाएंगे। इस दौरान वह लगातार हरजीत सिंह उर्फ काले और कनाडा में बैठे दूसरे गैंगस्टर साथी के संपर्क में था। योजना के मुताबिक रात नौ बजे दोनों शूटरों को रेलवे स्टेशन काशीपुर से चीमा चौराहे होते हुए हरजीत सिंह उर्फ काले के घर ले गया। वहां रजविंदर कौर और सेवी ने दोनों शूटरों के खाने-पीने की व्यवस्था की। प्रभजोत ने एक बाइक खरीदकर दोनों शूटरों को देने के लिए सुखदेव सिंह उर्फ सेवी के सुपुर्द की थी। योजना के अनुसार प्रभजोत और दोनों शूटर 13 अक्तूबर को तड़के चार बजे उठे। प्रभजोत ने दोनों शूटरों को जंगल के रास्ते ले जाकर महल सिंह के घर तक की रेकी कराई। इसके बाद सुबह वह अपने दोस्तों के साथ केदारनाथ के लिए निकल गया। इधर शूटरों ने महल सिंह की हत्या कर दी।
हरजीत सिंह के सहयोगियों की भी होगी जांच
डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि हरजीत सिंह उर्फ काले के संबंध में जानकारी एकत्र की जा रही है। उन्होंने बताया कि हरजीत सिंह उर्फ काले का कोई साथी आर्थिक कार्यों को स्थानीय स्तर पर देखता है। इस घटना में उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है। हत्या करने आए शूटर कौन थे और कहां रहते थे, ये जानकारी भी जुटाई जा रही है।
इन्हें इनाम से नवाजा गया
हत्याकांड के षड्यंत्र में शामिल आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक मनोज रतूड़ी, एसएसआई प्रदीप मिश्रा, उपनिरीक्षक अशोक कांडपाल, धीरेन्द्र सिंह परिहार, सुरेंद्र सिंह, नवीन बुधानी, दीपक जोशी, प्रदीप पंत, संतोष देवनी, मनोज जोशी, कांस्टेबल मुकेश कुमार, कुलदीप कुमार, गजेंद्र गिरी, दीवान गिरी, त्रिभुवन सिंह, प्रेम कनवाल, सुरेंद्र सिंह और महिला कांस्टेबल रिचा तिवारी के अलावा एसओजी के निरीक्षक विजेंद्र शाह, उपनिरीक्षक विकास चौधरी, ललित बिष्ट, कांस्टेबल कैलाश तोमक्याल, विनय यादव, प्रदीप कुमार, कुलदीप सिंह, दीवान बोरा, दीपक कठैत, राजेश भट्ट, भूपेंद्र सिंह व निरीक्षक नरेश चौहान, विक्रम राठौर, एसओ रविंद्र सिंह बिष्ट, एसओ कमलेश भट्ट, उपनिरीक्षक दीपक कौशिक, अर्जुन गिरी सहित पूरी टीम को 50 हजार रुपये के इनाम से नवाजा है।
प्रभजोत की अति महत्वाकांक्षा ने उसके हाथ खून से रंग दिए
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