Tuesday, September 2, 2025
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एटीएम के गार्ड की हत्या में तीन गिरफ्तार

खटीमा। एसबीआई के एटीएम के गार्ड की हत्या का खुलासा सीबीसीआईडी ने कर दिया है। 34 महीने तक चली जांच और साक्ष्य जुटाने के बाद सीबीसीआईडी तीन हत्यारोपियों तक पहुंच गई। टीम ने तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की और बाद में कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। बीते आठ अगस्त 2019 कुटरा गांव में एसबीआई के एटीएम गार्ड भगवान सिंह भंडारी (35) पुत्र लक्ष्मण सिंह भंडारी की हत्या कर दी गई थी। भंडारी का शव कुटरा गांव के पूरन सिंह के घर पर सीढ़ी के पास पड़ा मिला था। तत्कालीन सीओ एमसी बिंजोला व तत्कालीन कोतवाल संजय पाठक ने नागरिक चिकित्सालय पहुंचकर शव का पोस्टमार्टम कराया था। सीओ और कोतवाल ने इस मामले में कई लोगों से पूछताछ भी की थी। मृतक के चाचा कैलाश भंडारी ने हत्या की तहरीर देकर पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। वहीं फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से फिंगर प्रिंट और खून के नूमने लिए थे।
घटना के नौ दिन बाद भी खुलासा न होने पर ग्रामीणों ने कोतवाली में हंगामा किया था। पुलिस के आला अधिकारियों ने हत्याकांड का खुलासा न होने पर परिजनों की मांग पर बीते 17 नवंबर 2019 को मामला सीबीसीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया था, जिसके बाद सीबीसीआईडी की टीम जांच पड़ताल में जुट गई और सर्विलांस के जरिये साक्ष्य संकलित किए। सीबीसीआईडी ने हत्या में नामजद कुटरा गांव के ही ध्रुव सिंह, सुरेंद्र सिंह राणा उर्फ गुड्डू और किशन सिंह उर्फ कन्हैया का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया, जिसके बाद तीनों का नाम भगवान सिंह की हत्या में सामने आया। इस पर सोमवार को सीबीसीआईडी की टीम ने तीनों को कोतवाली बुलाया और फिर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से तीनों को जेल भेज दिया। टीम में सीबीसीआईडी हल्द्वानी की निरीक्षक जानकी भंडारी, राजेंद्र सिंह बिष्ट, पावन स्वरूप, कांस्टेबल अमरजीत सिंह, मो. तारिक, दीपक नेगी, चालक कांस्टेबल चंद्र प्रकाश जोशी आदि थे।
अवैध संबंधों के चलते गार्ड की गई थी जान : कोतवाल
खटीमा। कोतवाल नरेश चौहान ने बताया कि एसबीआई के एटीएम में तैनात गार्ड भगवान सिंह भंडारी की हत्या की वजह अवैध संबंध रहे। भगवान सिंह भंडारी का क्षेत्र की एक महिला से अवैध संबंध थे, जो कि इन तीनों आरोपियों को नागवार लगा। उन्होंने भगवान सिंह को शराब पीने के बहाने खेत में बुलाया और उसके सिर में लकड़ी और लोहे की पत्ती से वार कर हत्या कर दी थी। इसी मामले सीबीसीआईडी ने पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के साथ ही सर्विलांस के जरिए साक्ष्य जुटाए तब जाकर हत्या का खुलासा हुआ है। वारदात पुरानी होने के कारण घटना में प्रयुक्त लकड़ी और लोहे की पत्ती बरामद नहीं हो सकी।

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