Wednesday, September 10, 2025
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पति की हत्या में पत्नी, प्रेमी सहित तीन को आजीवन कारावास

रुद्रपुर। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला ने पति की हत्या की आरोपी पत्नी, उसके प्रेमी और प्रेमी की पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रेमी पर 35 हजार रुपये, आरोपी पत्नी और प्रेमी की पत्नी को 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि चार अप्रैल 2019 की सुबह ट्रांजिट कैंप पुलिस को गंगापुर रोड स्थित श्मशान घाट के पास लाश पड़ी होने की सूचना मिली थी। घटनास्थल पर एक स्कूटी खड़ी थी। लाश प्लास्टिक के कट्टे से ढकी हुई थी। युवक की शिनाख्त राणा प्रताप सिंह पुत्र सुरेंद्र नाथ सिंह के रूप में हुई। राणा के भाई शिवाजी सिंह ने शिनाख्त की और ट्रांजिट कैंप थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। उसने पुलिस को बताया कि तीन अप्रैल की शाम करीब साते बजे उसके भाई को फोन कर अनिल कुमार सिंह ने मछली खाने के लिए बुलाया था।
भाई अपनी स्कूटी से चला गया और अगले दिन सुबह उसकी लाश मिली। राणा प्रताप के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो शाम को छह बजकर 55 मिनट पर अनिल का फोन आने का पता चला। इसके बाद पुलिस ने पांच अप्रैल को अनिल और उसकी पत्नी रुकमणि देवी को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो पता चला कि अनिल के मृतक की पत्नी अल्पना सिंह के साथ अवैध संबंध थे जिसमें राणा प्रताप सिंह बाधक बन रहा था। दोनों ने राणा को मारने की योजना बनाई जिसके तहत अल्पना यह कहकर घर से गई कि वह अपने मायके गोरखपुर जा रही है लेकिन कॉल डिटेल में उसकी लोकेशन उस दिन और रात को लखनऊ में मिली और पता चला कि हत्या के दिन अनिल व अल्पना के बीच 15 बार बात हुई और उन्होंने इस दौरान हत्या की साजिश रची। अनिल ने पूछताछ के दौरान बताया कि शाम को राणा प्रताप को उसने अपने घर बुलाया और साथ में खाया पिया। जब वह नशे में था तो फावडे़ के डंडे से उसके सिर पर वार कर मार डाला। उसकी लाश को कट्टे में डालकर स्कूटी पर रखकर श्मशान घाट के पास फेंक आया था। इधर, अनिल की पत्नी भी इस हत्या में शामिल थी। उसने हत्या के समय फर्श पर गिरे व दीवार पर लगे खून को साफ किया था। पुलिस ने अनिल के घर पर फोरेंसिक टीम बुलाई जिसने दीवार पर लगे खून व राणा के सिर के टूटे बालों को कब्जे में कर जब जांच की तो वह राणा के खून व बालों से मैच कर गए।
पुलिस ने मृतक की पत्नी अल्पना को 11 अगस्त 2019 को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि अपने व अनिल के बीच अवैध संबंधों में बाधक बन रहे पति की हत्या की साजिश रची थी। इसी के तहत वह मायके जाने की बात कहकर गई थी ताकि उस पर हत्या का शक न हो। यह मुकदमा अपर जिला और सत्र न्यायाधीश तृतीय रजनी शुक्ला की कोर्ट में चला। अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने 13 गवाह पेशकर हत्या का आरोप सिद्ध कर दिया। शुक्रवार को एडीजे रजनी शुक्ला ने अनिल कुमार सिंह को धारा 302,120 बी,201 सपठित 34 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास व 35 हजार रुपये जुर्माने की सजा, पति की हत्या की आरोपी पत्नी अल्पना सिंह व अनिल की पत्नी रुकमणी देवी को आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई
जानलेवा हमला में 14 आरोपियों को चार वर्ष का कारावास
रुद्रपुर। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शादाब बानो ने जमीन के विवाद के चलते जानलेवा हमला करने के 14 आरोपियों को चार वर्ष के कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। फायरिंग करने वाले को सात वर्ष के कारावास व सात हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने बताया कि ग्राम नरखेड़ा थाना बाजपुर निवासी रविंद्र सिंह पुत्र जगत सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 12 अगस्त 2009 की सुबह वह अपने कब्जे वाली जमीन पर खेती के लिए गया था। तभी सुखदेव सिंह, हरदेव सिंह, दलजीत सिंह, कृपाल सिंह, जसबीर सिंह, बल्देव सिंह, हरतेज सिंह, कर्मजीत सिंह, जोगेंद्र सिंह, दिलबाग सिंह, दलीप सिंह, गुरजीत सिंह, जसजीत सिंह और दिलबाग सिंह बंदूकों और तमंचों से लैस होकर आ गए। इसके बाद वे उससे झगड़ा करने लगे कि वह खेत से भाग जाए जबकि पिछले 30 वर्षों से वह इस खेत पर काबिज है और इसका मुकदमा दीवानी कोर्ट में चल रहा है।
यह सुनते ही उन लोगों ने उसकी घेराबंदी करनी शुरू करते हुए उस पर बंदूकों व तमंचों को ताना तो वह जान बचा कर भागा। हमलावरों ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी लेकिन वह बच कर निकल गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। यह मामला द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शादाब बानों की कोर्ट में चला जिसमें अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी अनिल कुमार सिंह ने 10 गवाह पेशकर आरोप सिद्ध कर दिया। एडीजे शादाब बानो ने सभी अभियुक्तों को चार-चार वर्ष के कठोर कारावास व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है जबकि हरदेव सिंह को आर्म्स एक्ट के तहत सात वर्ष के कठोर कारावास और दो हजार रुपये अतिरिक्त जुर्माने की सजा सुनाई।

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