जसपुर। कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने जिले के कप्तान के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है। घर में घुसकर अभद्रता करने और गनर की वर्दी फाड़ने के आरोपियों को थाने से छोड़ने का आरोप लगाते हुए विधायक ने समर्थकों के साथ कोतवाली का घेराव कर धरना दिया। आरोपियों को शाम तक गिरफ्तार कर लेने के सीओ के आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ। एक दिन पूर्व विधायक आवास पर हुए विवाद के बाद शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में एकत्र होकर मुख्य मार्ग पर जुलूस निकालते हुए नारेबाजी की। उन्होंने कोतवाली पहुंचकर धरना शुरू कर दिया। विधायक का कहना था कि एक तो पुलिस ने उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की और उल्टे आरोपियों को कोतवाली लाकर छोड़ दिया गया। हमले के बाद पुलिस को उनकी सुरक्षा बढ़ानी चाहिए थी लेकिन पुलिस ने उनका गनर ही हटा दिया। उन्होंने एसएसपी पर उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
कहा कि उन्हें एसएसपी की नीति और नीयत पर विश्वास नहीं है। एसएसपी जब तक इस जिले में तैनात रहेंगे तब तक वह गनर नहीं लेंगे। उन्हें आशंका है एसएसपी उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करा सकते हैं। वह पीड़ितों और गरीबों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए। विधायक ने कहा कि रविवार को वह विधानसभा अध्यक्ष और डीजीपी से मिलकर जिले के एसएसपी को हटाने की मांग करेंगे।
धरने की सूचना पर सीओ वीर सिंह के अलावा कुंडा और काशीपुर की पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंच गई। सीओ ने विधायक और उनके समर्थकों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया। इस दौरान विधायक की पुलिस अधिकारियों के साथ नोकझोंक भी हुई। आरोपियों की गिरफ्तारी शाम तक करने के आश्वासन पर कांग्रेसियों ने धरना समाप्त कर दिया। धरना-प्रदर्शन करने वालों में सुखदेव सिंह, राजकुमार सिंह, नईम प्रधान, राहुल गहलोत, यशपाल चौहान, मो आरिफ, हिमांशु नंबरदार, राजेंद्र सिंह, शेर अली आदि थे।
विधायक ने तीन लोगों के खिलाफ पुलिस को सौंपी तहरीर
जसपुर। विधायक आदेश चौहान ने तीन लोगों के खिलाफ घर में घुसकर अभद्रता करने और धमकाने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर सौंपी है। तहरीर में कहा कि ग्राम निवारमंडी निवासी अवनीश कुमार, मदन लाल, कृष्ण कुमार उनके आवास में घुस आए। बोले कि तुम हमारे खिलाफ एसडीएम से बहुत शिकायत करते हो। शिकायत वापस नहीं ली तो अंजाम बुरा होगा। दबाव में नही आने की बात कहने पर तीनों आग बबूला हो गए। अभद्रता करते हुए कहने लगे कि तुम हमारा ब्याज का काम रुकवाना चाहते हो। शोर सुनकर सुखदेव सिंह, उनका गनर प्रयाग सिंह अन्य लोग मौके पर आ गए। उन्होंने गनर की वर्दी फाड़ दी। बमुश्किल लोगों ने उन्हें और गनर को बचाया। आरोपी जान से मारने की धमकी देकर चले गए।
विधायक बताएं, वापस क्यों चाहिए सिर्फ वही गनर: शैलेंद्र
जसपुर। पूर्व विधायक डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल ने कहा कि विधायक की सुरक्षा में तैनात गनर ने किसी तरह का हमला होने और उसकी वर्दी फाड़े जाने की बात को गलत बताया है। सिंघल ने कहा कि आखिर क्या कारण है कि विधायक उसी गनर को वापस अपनी सुरक्षा में बुलाना चाहते हैं। पूर्व विधायक डॉ. सिंघल ने शनिवार को भाजपा कार्यालय पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विधायक की सुरक्षा में 6 वर्षों से तैनात गनर सुरक्षा करने की बजाय उनके निजी सचिव की तरह काम कर रहा था। गनर के खिलाफ ठेकेदारों से अवैध वसूली की शिकायतें थीं। कहा कि गनर की दो वर्षों की कॉल डिटेल से सब कुछ खुलासा हो सकता है। उन्होंने गनर के खिलाफ जांच कराकर उसे निलंबित करने की मांग की है।
पुलिस मैनुअल के अनुसार एक ही जनप्रतिनिधि की सुरक्षा में लंबे समय तक कोई सुरक्षाकर्मी नहीं रह सकता। इसकी भी जांच की जाए। कहा कि गनर ने पुलिस अधिकारियों को बयान दिया है कि उस पर कोई हमला नहीं हुआ और न ही उसकी वर्दी फाड़ी गई है। उन्होंने विधायक पर प्रशासनिक अधिकारियों को दबाव में लेकर काम कराने का आरोप लगाया। गनर बदलना एसएसपी का अधिकार क्षेत्र है। यदि विधायक को सुरक्षा की आवश्यकता है तो प्रशासन उन्हें और अधिक सुरक्षा मुहैया कराए। उन्होंने कहा कि विधायक चौहान को भाजपा के किसी कार्यकर्ता से कोई खतरा नहीं है। उधर, उत्तरांचल पंजाबी महासभा के विधानसभा अध्यक्ष त्रिलोक अरोरा ने पुलिस से दोनों पक्षों की तहरीर की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। जांच नहीं होने पर महासभा ने आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है। वहां तरुण गहलोत, त्रिलोक अरोरा, विनोद प्रजापति, ब्रह्मानंद लाहोरी, मनोज चौहान, बेगराज सिंह आदि उपस्थित रहे।
विधायक ने एसएसपी के खिलाफ खोला मोर्चा, कोतवाली में धरना दिया
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