हल्द्वानी। नैनीताल बैंक के शताब्दी वर्ष का जश्न फीका पड़ गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने नैनीताल बैंक के विनिवेश का फैसला लिया है। बैंक ऑफ बड़ौदा के पास नैनीताल बैंक की 98.57 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस हिस्सेदारी में विनिवेश की मंजूरी दे दी गई है। बैंक अधिकारी और कर्मचारी इसके विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने शुक्रवार को नैनीताल स्थित बैंक मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने का एलान किया है। पहाड़ी अंचल के लोगों को बैंकिंग सुविधा प्रदान करने के लिए भारत रत्न स्व. गोविंद बल्लभ पंत के प्रयास से 1922 में नैनीताल बैंक की स्थापना की गई थी। बैंकों के राष्ट्रीयकरण के दौर में आरबीआई ने 1973 में बैंक ऑफ बड़ौदा को नैनीताल बैंक के प्रबंधन का दायित्व सौंपा। 2018 में बैंक ऑफ बड़ौदा ने नैनीताल बैंक के विनिवेश का प्रयास किया। नैनीताल बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों के विरोध के चलते तत्कालीन सांसद भगत सिंह कोश्यारी के दखल के बाद इस पर रोक लग गई थी। अब बीती 13 दिसंबर बैंक ऑफ बड़ौदा ने फिर से नैनीताल बैंक के विनिवेश की घोषणा कर दी है। नैनीताल बैंक का शताब्दी वर्ष अधिकारी और कर्मचारी हर्षोल्लास के साथ मना रहे थे। मगर बैंक के विनिवेश की घोषणा होने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों की खुशियों पर ग्रहण लग गया। बैंक के अधिकारियों, कर्मचारियों और स्टाफ संगठनों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा के इस कदम का पुरजोर विरोध किया जाएगा और कर्मचारियों के भविष्य की रक्षा हर हाल में की जाएगी।
पांच राज्यों में हैं नैनीताल बैंक की शाखाएं
हल्द्वानी। आरबीआई ने 26 अप्रैल 2012 को नैनीताल बैंक को 5 राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली/एनसीआर, हरियाणा और राजस्थान में शाखाएं खोलने की अनुमति दी थी। वर्तमान में नैनीताल बैंक की 166 शाखाएं और 1158 कर्मचारी हैं।
सुरक्षित रहेगी ग्राहकों की पूंजी
हल्द्वानी। नैनीताल बैंक के विनिवेश के फैसले से ग्राहकों में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ग्राहक लगातार बैंक के अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं। बैंक प्रबंधन का कहना है कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपनी अंशधारिता कम करने की इच्छा जाहिर की है। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं कि इसे बेचने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बैंक प्रबंधन ने ग्राहकों को आश्वस्त किया है कि उनकी जमापूंजी बैंक में पूरी तरह सुरक्षित है। उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। बीओबी प्रबंधन का कहना है कि विनिवेश का उद्देश्य 100 साल पुराने नैनीताल बैंक में अधिक मूल्य पैदा करना, इसे विकास के अगले स्तर तक ले जाना और बैंकिंग उद्योग में खड़ा करना भी है। नैनीताल बैंक को नई शाखाओं की स्थापना और मौजूदा शाखाओं में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए अपनी व्यावसायिक वृद्धि और पूंजीगत व्यय को पूरा करने के लिए अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता है।
कोट…
50 साल से लगातार मुनाफे में चल रहे बैंक के विनिवेश का प्रयास पूर्व में भी किया जा चुका है। मगर बैंक के सभी कर्मचारियों और अन्य शेयरहोल्डर्स ने इसे विफल कर दिया। इस फैसले के विरोध में शुक्रवार को बैंक के मुख्यालय के बाहर शांतिपूर्ण धरना और विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। आदेश वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा। – सुमित तिवारी, उपाध्यक्ष, नैनीताल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन।
बैंक ऑफ बड़ौदा के इस फैसले के बाद भी ग्राहकों की जमा-पूंजी पूरी तरह सुरक्षित है। ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है। मगर बैंक के 1000 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के परिवार के आगे संकट खड़ा हो जाएगा। इस फैसले का पुरजोर विरोध किया जाएगा। – प्रखर पाटनी, सहायक महासचिव, नैनीताल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन।
नैनीताल बैंक के विनिवेश के विरोध में उतरे अफसर-कर्मचारी
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