रुद्रपुर। आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले सोमवार को आशा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए 31 अगस्त से धरना देने की चेतावनी दी। डीएम को संबोधित ज्ञापन एडीएम डॉ. ललित नारायण मिश्रा को सौंपते हुए आशाओं ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पहले कार्यकाल के दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने उनके नगरा तराई स्थित आवास पर न्यूनतम वेतन समेत विभिन्न मांगों के लिए धरना दिया था। उस समय आशाओं को एक माह के भीतर मांगें पूरी होने का आश्वासन मिला था लेकिन एक साल बाद भी उनकी मांगें अधूरी हैं। इसके अतिरिक्त पांच माह का भी मानदेय नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि आशाओं की नियुक्ति मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए की गई थी लेकिन आशाओं से कोविड से लेकर स्वास्थ्य विभाग के तमाम सर्वे, अभियान व गणना जैसे काम करवाए जा रहे हैं।
इसके बावजूद आज तक आशाएं न्यूनतम वेतन से वंचित हैं। जिले के सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी सुविधाएं नहीं हैं। अव्यवस्थाओं के लिए आशाओं को दोषी ठहराया जा रहा है। उन्होंने गर्भवती महिलाओं के लिए 24 घंटे अल्ट्रासाउंड व पैथोलॉजी जांच की सुविधा की मांग की। वहां ममता पानू, कुलविंदर कौर, कल्पना मिस्त्री आदि थे।
एक साल बाद भी न्यूनतम वेतन न मिलने से भड़कीं आशाएं
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