Wednesday, September 10, 2025
Homeउत्तराखण्डधर्मांतरण समेत छाए रहे कई मुद्दे, ज्ञानवापी और देश में हो रही...

धर्मांतरण समेत छाए रहे कई मुद्दे, ज्ञानवापी और देश में हो रही हिंसा पर हुई चर्चा, कहा- संविधान का पालन करें सभी

विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के दो दिवसीय अधिवेशन में धर्मांतरण से लेकर ज्ञानवापी, हिंसा व युवाओं के पयालन का मुद्दा छाया रहा। इस दौरान संतों ने परिवारों को भी एकजुट करने की बातों पर विचार-विमर्श किया। अधिवेशन में पूरे देश के संत मौजूद रहे। अधिवेशन में कुटुंबजन, मठ-मंदिरों पर भी चर्चा की गई। उत्तरी हरिद्वार के भूपतवाला में स्थित निष्काम सेवा भवन में शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल का दो दिवसीय अधिवेशन शुरू हुआ। अधिवेशन की अध्यक्षता जगदगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ व संचालन केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने किया। अधिवेशन में विहिप के महामंत्री मिलिंद परांडे ने विहिप की वर्ष भर की गतिविधियों और उपलब्धियों को उपस्थित धर्माचार्यों के समक्ष रखा।
जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि धर्मांतरण से व्यक्ति अपनी मूल प्रकृति, संवेदनाओं, सत्ता व स्वभाव से विरत हो जाता है। इसलिए किसी की भी संवेदनाओं व भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए। परमार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि काफी दिनों से कई विषय चल रहे हैं। इसमें धर्मांतरण अपने आप में एक विवाद का विषय है। धर्मांतरण नहीं होना चाहिए। सबकी अपनी-अपनी आस्था है और अपना-अपना विषय है। लालच के बल पर तो धर्मांतरण बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
उन्होंने यूपी में जुमे की नमाज वाले दिन हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की और कहा कि जुमे की नमाज जिम्मेदारी की नमाज होती है, नमाज के बाद पत्थरबाजी बहुत गलत है। लोगों को संविधान का पालन करना चाहिए। शरीयत के साथ-साथ शराफत का पालन भी करना चाहिए। हरि सेवा आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने कहा कि आज जो परिवार हैं उनमे न शिक्षा तो है और न ही संस्कार। परिवारों में संस्कारों की कमी आ रही है। इसलिए सबको मिलकर शिक्षा के साथ संस्कारों को भी जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी धरोहर है। इसलिए इसे सहर्ष वापस कर देना चाहिए। केरल से आए स्वामी शक्ति शांतानंद सहित धर्माचार्यों ने समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण के विरोध में सख्त कानून बनाने की मांग की साथ ही हिंदू मठ-मंदिरों को वापस करने की सरकार से मांग की।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments