Wednesday, October 30, 2024
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मत्स्य आखेटकों को लुभा रहा है चंपावत का पंचेश्वर क्षेत्र

चंपावत। जिले में पांच नदियों काली, गोरी, धौली, सरयू, रामगंगा नदी का संगम स्थल पंचेश्वर और आसपास के इलाके मत्स्य आखेट (एंगलिंग) के लिए मत्स्य आखेटकों (एंगलरों) को लुभा रहे हैं। चंपावत जिले में एंगलिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ने महाकाली नदी में छह नए स्थान (बीट) चिह्नित किए हैं। इनमें 30 जून 2024 तक तीन वर्षों के लिए परमिट जारी कर दिए गए हैं। नए चिह्नित स्थानों में एंगलिंग को बढ़ावा देने से जहां स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन बढ़ेंगे, वहीं जिले में पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
जिले के पंचेश्वर में एंगलिंग के लिए वन विभाग की ओर से हर आखेटक को परमिट जारी किए जाते हैं। एंगलिंग के दौरान पकड़ी गई मछलियों का शिकार करने के बजाय वजन मापने और टैग लगाने के बाद उन्हें पानी में ही छोड़ दिया जाता है। इस साल जिले में एंगलिंग के लिए छह बीटों में परमिट जारी किए गए हैं। बीट संख्या एक पंचेश्वर से धर्माघाट तक, बीट संख्या दो चमगाड़ सिंचाई विभाग की ट्रॉली के खंबे से पंथयूड़ी ट्रॉली तक, बीट संख्या तीन पंथयूड़ी ट्रॉली से पंचेश्वर संगम तक, बीट संख्या चार खायकोट मल्ला, बीट संख्या पांच सीम से चूका तक, बीट संख्या छह कालीगूंठ पूर्णागिरि तक का क्षेत्र शामिल है। छह साल पहले तक वन विभाग के सहयोग से स्वयंसेवी दृष्टिकोण संस्था की ओर से पंचेश्वर में आठ बार अंतरराष्ट्रीय स्तर की एंगलिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जा चुकी हैं। इनमें ब्रिटेन, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, हॉलैंड, यूरोप, नेपाल, भूटान देशों के अलावा देशभर के कई एंगलर प्रतिभाग कर चुके हैं।
पकड़ी जा चुकी है सर्वाधिक 84 पाउंड वजनी महाशीर
चंपावत। पंचेश्वर में एंगलिंग के तहत वर्ष 2018 में पहली बार 84 पाउंड वजनी गोल्डन महाशीर मछली पकड़ी गई थी जो एक रिकॉर्ड है। पंचेश्वर में महाशीर संरक्षण ग्रुप के अध्यक्ष होशियार सिंह ने पहली बार यह कामयाबी पाई थी। इससे पूर्व तक यहां न्यूजीलैंड के एंगलर क्रिस्टोफर के नाम सर्वाधिक 67 पाउंड वजनी महाशीर पकड़ने का रिकॉर्ड दर्ज था। चंपावत जिले में चयनित बीटों में एंगलिंग की गतिविधियां संचालित की जाएंगी जिससे रोजगार के साधन सृजित होंगे और जिले में पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। एंगलिंग के लिए आने वाले पर्यटकों से शुल्क लिया जाएगा। इससे स्थानीय लोगों की आय बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। लोगों के बीच मत्स्य संरक्षण और संवर्धन के संबंध में भी जागरूकता बढ़ेगी। – नरेंद्र सिंह भंडारी, डीएम, चंपावत।

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