रुद्रपुर में युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग में 27 वर्षों से बाजपुर के दो पीआरडी जवान फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी कर रहे थे। मामला सामने आने पर युवा कल्याण अधिकारी ने दोनों पीआरडी जवानों को अपना पक्ष रखने का नोटिस जारी किया है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बाजपुर ब्लॉक के रजिस्ट्रार कार्यालय में तैनात एक पीआरडी जवान वर्ष 1995 में जन्मतिथि व स्कूल का स्थानांतरण प्रमाणपत्र के फर्जी दस्तावेज लगाकर भर्ती हुआ था। इस संबंध में क्षेत्र के ही अन्य पीआरडी जवानों ने आरटीआई लगाई थी। इसके बाद तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई। जांच करने पर पीआरडी जवानों का फर्जावाड़ा सामने आया।
इस पर युवा कल्याण अधिकारी ने पीआरडी जवान को अपना पक्ष रखने का नोटिस भेजा है। युवा कल्याण अधिकारी मोहन सिंह नागन्याल ने बताया कि बाजपुर ब्लॉक के रजिस्ट्रार कार्यालय में तैनात पीआरडी नंदराम वर्ष 1995 से ड्यूटी कर रहा है। वहीं दूसरे पीआरडी शमी अहमद ने भी फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी की है। उन्होंने बताया कि पक्ष जानने के बाद पीआरडी जवानों के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी। इधर युवा कल्याण विभाग में धांधली का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी गदरपुर ब्लॉक में सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर आठ युवाओं ने पीआरडी में नौकरी कर ली। विभाग की ओर से इनके खाते में 450 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से बाकायदा डेढ़ महीने की ड्यूटी का भी भुगतान कर दिया गया है। मामला सामने आने पर विभाग की ओर से इन आठ युवाओं से रिकवरी करवाई जा रही है।
गाय, भैंस व कुत्तों को भगाने की ड्यूटी से पीआरडी जवान परेशान
मेडिकल कॉलेज में गाय, भैंस व कुत्तों को भगाने के निर्देश से प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के जवान भड़क गए। उन्होंने बृहस्पतिवार को युवा कल्याण अधिकारी से मिलकर मेडिकल कॉलेज के स्टाफ कर्मचारियों की शिकायत की। युवा कल्याण विभाग की ओर से मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा व्यवस्था के लिए छह पीआरडी जवान लगाए गए हैं। इनमें तीन पुरुष व तीन महिला पीआरडी जवान शामिल हैं। महिला पीआरडी देवकी देवी, पवनदीप व शीला ने युवा कल्याण अधिकारी से मिलकर मेडिकल कॉलेज के स्टाफ की ओर से अभद्रता करने की शिकायत की है। महिला पीआरडी जवानो ने बताया कि आए दिन स्टाफ की ओर से ताने मारे जाते हैं। कभी मेडिकल कॉलेज परिसर में आने वाले गाय-भैंस या कुत्तों को भगाने के लिए कहा जाता है। जिला युवा कल्याण अधिकारी मोहन सिंह नागन्याल ने कहा कि इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से वार्ता की जाएगी। पीआरडी जवानों का कार्य सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था को देखने का है।
दो जवान 27 साल से फर्जी दस्तावेज के जरिए कर रहे थे नौकरी, ऐसे हुआ खुलासा
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